Monday, May 21, 2018

सेकेंड हैंड कार खरीदते समय रखा इन बातों का ध्यान तो होगा फायदा

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मल्टीमीडिया डेस्क। देश में अधिकांश लोग ऐसे होते हैं जो कम बजट के कारण नई कार नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में उनके पास पुरानी कार खरीदने का विकल्प बचता है। हालांकि पुरानी कार भी आपके लिए किफायती साबित हो सकती है, लेकिन आपको इसके लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा। कोशिश करें कि आप नए मॉडल की ही सेकेंड हैंड कार खरीदें। हम अपनी इस खबर में आपको जानकारी दे रहे हैं कि अगर आप कोई सेकेंड हैंड कार खरीद रहे हैं तो आपको किन बातों का सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। यह उस वक्त और अहम हो जाता है जब आप किसी डीलर या कंपनी से पुरानी गाड़ी खरीद रहे होते हैं।
तय करें अपना बजट - 
सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले आपको एक मोटा-मोटा अनुमान लगा लेना चाहिए कि आप कितना पैसा खर्च करने की स्थिति में हैं। साथ ही आप पुरानी कार के इंश्योरेंस और अन्य खर्चों को किस हद तक उठाने की स्थिति में हैं।
अपने मॉडल का करें चुनाव - 
सबसे पहले आप जिस मॉडल को खरीदना चाहते हैं उसका चुनाव कर लें। इसके लिए आप इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इंटरनेट पर आप अपने बजट के हिसाब से कोई भी इस्तेमाल की हुई कार के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसमें आप गाड़ियों की स्पेसिफिकेशन्स देखकर दूसरे मॉडल से तुलना भी कर सकते हैं।
सर्टिफिकेट का होना जरूरी - 
अगर आप सर्टिफाइड पुराना मॉडल खरीद रहे हैं तो वह आमतौर पर कम किलोमीटर चला होगा और यह पूरी तरह निरीक्षण से पास हुआ होगा। इतना ही नहीं सर्टिफाइड पुराने मॉडल को खरीदने के लिए आपको न केवल अतिरिक्त वारंटी मिलती है बल्कि आपको ऑरिजनल मैन्युफैक्चरर वारंटी भी मिलेगी।
लेन-देन का विकल्प - 
आप पुरानी कार खरीदने के लिए व्यक्ति, डीलर और इंटरनेट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आज के समय में पुरानी गाड़ियों की ट्रेडिंग के लिए इंटरनेट एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है क्योंकि वेबसाइट पर आपको कई अतिरिक्त ऑफर्स और डिस्काउंट की पेशकश की जाती है।
खुद भी करें गाड़ी का निरीक्षण - 
अगर आप किसी दूसरे व्यक्ति से पुरानी गाड़ी खरीदते हैं तो आप खुद या फिर मैकेनिक से उस गाड़ी को चेक करवा सकते हैं, लेकिन डीलर इस तरह की सुविधा नहीं देता। ऐसे मामलों में कार की जांच जरूर करनी चाहिए जिनमें खासकर इंजन की कंडीशन, कार की बॉडी लाइन, टायर कंडीशन, बैटरी कंडीशन को ध्यान में रखना होगा।
टेस्ट ड्राइव जरूर लें - 
अगर आपको कार की हालत दिखने में बेहतर लग रही है तो इसके बाद आपको कार की टेस्ट ड्राइव जरूर लेनी चाहिए।
पेपरवर्क सुनिश्चित करें - 
ऐसा भी हो सकता है कि आपको आकर्षक कीमत पर चोरी किया हुआ हुआ वाहन बेंचा जा रहा हो। इन मामलों से बचने के लिए आपको फाइनल डील से पहले कार का पेपरवर्क कराना चाहिए। टैक्स कंसल्टेंट के वकील, पुनीत पाथानिया के अनुसार पेपरवर्क की जांच कराने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन बुक, टेक्सेशन बुक, इनवॉयस और PUC सर्टिफिकेट की जांच करनी होगी।
कार को जरूर कराएं ट्रांसफर - 
कार को खरीदते ही उसे अपने नाम पर जल्द ट्रांसफर करा लें। इसके लिए आपको उचित हस्ताक्षर के साथ सभी आवश्यक फॉर्म भरने होंगे और उन्हें अपने क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी कार्यालय में जमा कराना होगा। ऐसे करने पर आपके पास रसीद 15-18 दिनों के भीतर मिल जाएगी और 40वें-45वें दिन में RC कॉपी पर आपका नाम दर्ज हो जाएगा।
अपने नाम पर ही इंश्योरेंस करवाएं - 
यह आवश्यक है कि रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर होने के बाद आपके नाम पर ही वैलिड इंश्योरेंस होना चाहिए। ऐसा इसलिए अगर RC आपके नाम पर रजिस्टर्ड है और इंश्योरेंस अभी भी पुराने मालिक के नाम पर है तो आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी निरस्त हो जाएगी।
फर्स्ट ड्राइव से पहले कार की कराएं सर्विस - 
खरीदी गई नई कार को इस्तेमाल करने से पहले आप कार के इंटीरियर और एक्सटीरियर को पूरी तरह साफ करा लें। इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर कार में डलने वाले हर तरह के ऑयल को बदलवा लें। आसान शब्दों में कहें तो कार की एक बार सर्विस करवा लें।
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