दूरसंचार विभाग ने सिम कार्ड को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब मोबाइल यूजर्स को कनेक्शन लेने के लिए सिम कार्ड लेने की जरूरत नहीं पड़गी। दूरसंचार विभाग ने इंबेडेड सिम यानी ई-सिम के इस्तेमाल को मंजूरी देने के साथ ही दिशानिर्देश जारी कर व्यवस्था दी है।
दूरसंचार विभाग के आदेश अनुसार जब कोई यूजर अपनी सेवा प्रदाता कंपनी बदलना या नया कनेक्शन लेना चाहता है, तब उसके स्मार्टफोन में इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल यानी ई-सिम डाल दी जाएगी।
इसके साथ ही यूजर जिन सेवाओं का इस्तेमाल कर रहा है वहीं सारी सेवा प्रदाताओं की सुचनाओं को अपडेट कर दिया जाएगा। वहीं अभी तक ई-सिम का इस्तेमाल रिलायंस जियो और एयरटेल एप्पल वॉच में किया जा रहा है।
वहीं ई-सिम को लेकर दूरसंचार विभाग ने हर एक मोबाइल पर अधिकतम 18 सिम तक यूज करने की मनजूरी दी है, इसके साथ विभाग ने मोबाइल के लिए नौ सिम और मशीन-टू-मशीन मिलाकर 18 सिम के इस्तेमाल की इजाजत दी है।
क्या होती है ई-सिम
ई-सिम को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहते है, सॉफ्टवेयर की मदद से यह तकनीक काम करती है और अभी तक इस तकनीक का इस्तेमाल स्मार्टवॉच में किया जाता है।
इस तकनीक को स्मार्टफोन के लिेए रोल ऑउट कर दिया गया है, सॉफ्टवेयर की मदद से यूजर्स टेलीकॉम के सेवा का इस्तेमाल करेंगे। वहीं अगर यूजर को दूसरे ऑपरेटर पर जाना है तो वह आसानी से स्विच कर लेगा।
स्मार्टफोन की बढ जाएगी बैटरी लाइफ
ई-सिम की तकनीक की मदद से स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ काफी हद तक बढ़ जाएगी और यह सिम सॉफ्टवेयर पर चलती है, वहीं यह सिम फिजिकल सिम की तुलना में कम बैटरी का इस्तेमाल करती है। इसके अलावा यूजर्स को सिम पोर्ट करवाने के लिए 7 दिन का भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
बता दें कि इस तकनीक की शुरूआत 2016 में हुई थी, वहीं सबसे पहले सैमसंग ने इस तकनीक का उपयोग अपनी स्मार्टवॉच सैमसंग गियर 2 में किया था। वहीं भारत में जियो और एयरटेल ने इस तकनीक के इस्तेमाल करने वाली टेलीकॉम आपरेटर है, जो एप्पल के जरिए ई-सिम की सुविधा दे रही है।
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